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कौन है Godi Media का बाप-जो पत्रकारों को गालियाँ देता है? PM’s advisor has warned news channel owners: Kejriwal

godi media in India

चुनाव आए, कसमें वादे लाए....नेताजी हैं मुश्किल में,मुंह कहां छिपायें?

चुनावी मौसमों में कब, क्या, और कैसे हो जाए ये तो कोई नहीं जान सकता, कई पार्टियों के स्वघोषित चाणक्य भी ऐसा दावा नहीं कर सकते कि उन्होंने स्थितियों को सौ प्रतिशत भांप लिया है या चीजें अब उनके कंट्रोल में है। कोई भी सत्ता का रिमोट अपने जेब में रखकर ज़मीनी परिस्थितियों को नहीं बदल सकता। क्योंकि भूख और बेकारी को कोई कब तक नजरंदाज़ करेगा? कोई महंगाई और बेरोज़गारी को भगवे कपड़ों में कैसे छिपाएगा? और फिर कहा भी गया है "भूखे भजन ना होए गोपाला"-यानि भूखे पेट तो भजन भी नहीं हो सकते, चाहे भगवान का भजन हो या किसी पार्टी के तथाकथित महामानव का।


गुजरात की चुनौती, AAP बनी भाजपा के लिए पनौती

Fearing Gujarat Defeat, BJP Trying To 'Crush' AAP, Alleges
Aam Aadmi Party, Gujarat की Anti Incumbency को भुना रहे हैं 

आने वाले दो महीनों में Gujarat में Elections हैं। ये गुजरात वही गुजरात है जिसका मॉडल पूरे देश को बेंचकर एक आम मुख्यमंत्री आज देश का सबसे बड़ा नेता बन गया। पर क्या  इस मॉडल स्टेट में सारे मुद्दे हल हो गए हैं? क्या यहां हर किसी को भरपेट भोजन मिल रहा है? क्या यहां के बच्चों को मुफ्त शिक्षा, अथवा कम दरों पर शिक्षा उपलब्ध है? क्या यहां की चिकित्सा प्रणाली देश में सबसे बेहतर है? क्या यहां की सड़कें जिनके पेरिस, लंदन या क्योटो से ज़्यादा शानदार हैं?.......जवाब है नहीं! क्योंकि इन्हीं मुद्दों को लेकर लगातार एक पार्टी गुजरात में इस बार भाजपा को घेरती नज़र आ रही है। और उस पार्टी को भारी जन समर्थन भी मिलता हुआ  दिखाई दे रहा है। सूत्रों के हवाले से कई मीडिया संस्थानों ने यह दावा किया है कि यह पार्टी गुजरात की 182 में से 60 से अधिक सीटों पर अपना प्रभाव बना सकती है। दरहसल हम बात कर रहे हैं Aam Aadmi Party की आश्चर्य की बात है, पर गुजरात में ये हो रहा है। जी हां! प्रधानमंत्री मोदी और"कथित चाणक्य" अमित शाह के गुजरात में, इस बार भाजपा को नाक से चने चबाने की नौबत आन पड़ी है।

Educational Downfall in Gujarat
आंकड़े बयाँ कर रहे हैं Gujarat में शिक्षा का हाल 

इसी बात से चिंतित भाजपा कई दांव चल रही है। और भाजपा के सारे दांव फीके ही पड़ते दिखाई दे रहे हैं, गौरतलब है कि केजरीवाल भाजपा के स्टाइल में और भाजपा की ही पिच पर जाके बल्लेबाज़ी करते दिखाई देते हैं। और भाजपा जोकि मुख्य विपक्षियों यानि मुख्य तौर पर कांग्रेस और अन्य सोशलिस्ट पार्टियों से लड़ने के लिए अभ्यस्त है। और चूंकि उसके चले हर एक ही दांव बार बार सफल हुए हैं। और ये दांव इतने प्रोडिक्टेबल हैं कि अब विपक्षी ही नहीं बल्कि जागरूक जनता को भी पता लग जाता है कि आगे भाजपा का प्लान क्या होगा....वरना विधायक खरीदना, ईडी वीडी, रेडबाज़ी ये सब तो हैं ही। 


केजरीवाल का चौंकाने वाला दावा, बोलेगा गोदी मीडिया पर धावा!

पर इस दौरान अरविंद केजरीवाल हाल मोर्चे पर प्रबल टक्कर दे रहें हैं। वो भी प्रो-भाजपा टैक्टिक्स से, मजबूत आईटी सेल, डोर टू डोर कैंपेन, लगातार दौरे, संवाद, प्रेस कांफ्रेंस बैनर पोस्टर, वादे.....और एंटी इनकंबेंसी को भुनाना, 70 साल के तर्ज पर 27 साल का हिसाब.....वगैरह वगैरह।

इसी दौरान बीते दिनों अरविंद केजरीवाल ने अपनी एक रैली में कुछ ऐसा कह दिया जिसने सारी गोदी मीडिया विंग, दरबारी पत्रकारों व एडिटर्स को चौंका दिया। दरहसल पिछले दिनों एक रैली को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि "एक सज्जन हैं, जो प्रधानमंत्री के ऑफिस में काम करते हैं जोकि मीडिया एडवाइजर हैं जिनका नाम है "हिरेन जोशी" (Hiren Joshi) जिनके विषय में कई बड़े बड़े न्यूज़ चैनलों के एडिटर्स ने बताया है कि वे उनको गंदी गंदी गालियां देते हैं।" साथ ही साथ उन्होंने ये भी आरोप लगाए कि उन्होंने इन चैनलों के पत्रकारों को व्हाट्सएप पर भी कई धमकियां दी हैं, जिनके स्क्रीनशॉट और वॉयस रिकॉर्डिंग कई पत्रकारों के पास हैं। अगर उन पत्रकारों ने इन रिकॉर्डिंग्स और स्क्रीनशॉट को वायरल कर दिया तो क्या इज्ज़त रह जायेगी देश के प्रधानमंत्री के दफ्तर की, और उसमें काम करने वाले प्रधानमंत्री के सबसे खास व्यक्ति की?

Godi Media,Main Stream Media in India- Freedom for press Index
Godi Media के गलियारों में इस खबर ने हडकंप मचा दिया होगा 

सवाल तो वाजिब है, कि यदि ऐसी स्थिति सच में है तो अगर इस बात का खुलासा सही तरीके से हुआ। अगर दरबारी मीडिया में सच्ची पत्रकारिता की थोड़ी सी भी अलख जगी तो सोंचिए क्या क्या हो सकता है?.....पर नहीं! ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला! ऐसा क्यों नहीं होने वाला वो आप इसी बात से समझ सकते हैं कि अरविंद केजरीवाल को ये बयान दिए हुए चौबीस घंटों से भी ज्यादा हो चुके हैं। यह बयान सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल हुआ है। पर अभी तक गोदी मीडिया या किसी भी दरबारी पत्रकार ने इसका ना तो खंडन किया है, ना तो उनके तरफ से इसपर कोई प्रतिक्रिया आई है। फर्ज़ कीजिए कि ऐसा ही कोई बयान अगर सत्ताधारी पार्टी के किसी नेता ने किसी विपक्षी नेता पर लगाया होता तो अब तक तो गोदी मीडिया इस आरोप का तिल का ताड़ बना चुकी होती। पर सारी की सारी गोदी मीडिया इस बयान पर चुप है। यानि कि बंदे की बात में दम तो है।

इसके अलावा सोशल मीडिया पर कई क्लिप्स और स्क्रीनशॉट्स वायरल हुए जिनमें ये दावा किया गया कि आजतक चैनल पर अरविंद केजरीवाल का यह भाषण लाइव चल रहा था। जैसे उन्होंने पीएम के मीडिया सलाहकार "हिरेन जोशी" का नाम लिया तभी तुरंत उनके प्रोग्राम को रोक दिया गया। अगर इन दावों में सच्चाई है तो आप सोच सकते हैं कि इस वक्त गोदी मीडिया की हालत कैसी होगी? क्योंकि ना कहा जा रहा है, और ना रहा जा रहा है। और तो और स्क्रीनशॉट्स और रिकॉर्डिंग वाली बात ने तो इन सभी एडिटर्स और पत्तलकारों (सुधार: पत्रकारों) को सदमें में ही डाल दिया होगा। क्योंकि हो ना हो.....कुछ तो गड़बड़ है दया!....क्या गोदी मीडिया का असली बाप फाइनली मिल ही गया????


लेखक- धर्मेश कुमार रानू


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