गुजरात के मध्यम व गरीब वर्ग के लोग जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं की कमी से जूझ रहे हैं। गुजरात सरकार अपने वादों को पूरा करने में पूरी तरह से सफल नहीं हो पाई है। बेरोजगार युवक रोजगार की मांग कर रहे हैं, सरकारी कर्मचारी अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं, जनता महंगाई दूर करने की मांग कर रही है, गरीब अपने बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा और अच्छे सरकारी स्कूलों की मांग कर रहे हैं. गुजरात सरकार के कर्मचारियों में असंतोष फैल गया है और अब गुजरात की जनता अपने अधिकारों की मांग कर रही है.
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गुजरात के दौरे पर अरविन्द केजरीवाल और सीएम भगवंत मान |
आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने लोगों के इन्हीं मुद्दों को उजागर करते हुए राजनीती के दांव पेच चल रहे हैं। उन्होंने बीते दिनों जनता को संबोधित किया और कहा, "मैं गुंडागर्दी नहीं जानता, मैं राजनीति नहीं जानता। मैं भ्रष्टाचार नहीं जानता, मैं नहीं जानता कि जनता का पैसा कैसे कहे जाता है , मैं एक ईमानदार आदमी हूं, मैं देश का भक्त हूं। मुझे पता है कि स्कूल कैसे बनाते हैं। दिल्ली में बने, पंजाब में शुरुआत हुई। मैं गारंटी देता हूं कि मैं गुजरात के बच्चों के लिए एक अच्छे भविष्य की नीव रखूँगा। गुजरात के सरकारी स्कूलों को भव्य बनवाऊँगा और गुजरात के युवाओं को रोजगार भी दूंगा। यदि आप महंगाई से परेशान हैं, तो हम आपकी मदद करेंगे। हम महंगाई से छुटकारा दिलाएंगे। हम आपको मुफ्त में बिजली देंगे। हम सरकार में सभी को मुफ्त इलाज देंगे। अमीर गरबी के भेदभाव के बिना अस्पताल, इलाज की लागत कितनी भी हो हमारी सरकार वह लागत वहन करेगी। साथ ही हमने गुजरात में दस लाख सरकारी नौकरियों की योजना बनाई है। पांच साल के लिए एक मौका दें। आम आदमी पार्टी की सरकार और मैं जो कुछ भी हूं यह कहते हुए कि मैंने दिल्ली में किया है, मैं इसे पंजाब में कर रहा हूं और अगर लोग मुझे गुजरात में मौका देंगे तो मैं इसे यहां भी करूंगा।
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