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क्या कांग्रेस को दिग्विजय दिला सकते हैं 2024 के रण में विजय? If not Shashi Tharoor then Digvijay for Congress

हाँ! अगर शशि थरूर नहीं, तो मेरा मत दिग्विजय को

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राजनीतिक चेतना और अनुभवी सियासत के पर्याय है दिग्विजय सिंह। 

आने वाले दिनों में देश की मुख्य विपक्षी पार्टी यानि कि कांग्रेस (INC-Indian National Congress)के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होने हैं, इसी के साथ बहुत दिनों बाद कांग्रेस को गांधी परिवार से इतर कोई अध्यक्ष मिलने जा रहा है। सियासी गलियारों में इस बात के चर्चे तेज़ हो चुके हैं और लोगों के मन में स्वाभाविक जिज्ञासा है कि आखिर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की अहम् विपक्षी पार्टी और स्वतंत्रता के बाद से कई कई दशकों तक देश पर शासन करने वाली पार्टी का  नया अध्यक्ष कौन होगा? अभी कुछ रोज़ पहले तक अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के नाम की भरमार चर्चा थी, पर जैसे ही राजस्थान में खेमे की उथल पुथल और सियासी संकट के संकेत मिले, तबसे यह देखना रोचक होगा पार्टी हाईकमान या अन्य वरिष्ठ नेता तथा कार्यकर्ताओं के लिए गहलोत  कितने भरोसे मंद साबित होते हैं। 

    राजस्थान में गहलोत खेमे की उठापटक के कारण अशोक गहलोत को लेकर संदेह 

इसीलिए अब यदि दिग्विजय (Digvijay Singh) और शशि थरूर (Shashi Tharoor) के बीच अध्यक्ष को चुनना हो तो एक तठस्थ नागरिक के तौर पर मेरी पसंद दिग्विजय सिंह भी हो सकते हैं। उनके खिलाफ भी भाजपा आईटी सेल द्वारा कई प्रहार करके और दुष्प्रचारों को प्रचारित करके उनकी छवि धूमिल की गई है। पर इस फैक्टर को अगर नाज़रंअंदाज़ किया जाए तो,

अगर शशि थरूर का अध्यक्ष बनना कहीं से भी सम्भव नही हो पाया तो मेरा अगला समर्थन निश्चित रूप से राघवगढ़ के राजा साहब यानि दिग्विजय सिंह को  ही होगा।

सबसे बड़ी बात यह है कि दिग्विजय सिंह की नीति कांग्रेस को जोड़ने वाली है। आज राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही भारत जोड़ो यात्रा का संयोजन और समन्वय दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में हो रहा है।

Digvijay singh's nomination as Congress President
भारत जोड़ो यात्रा में दिग्विजय की सक्रीय भूमिका है 

वर्तमान में कांग्रेस के हर राज्यो में फूट है जिसके लिए यदि किसी नॉन टेक्निकल, डाउन टू अर्थ अध्यक्ष चुनना हो तो, मेरा भी वोट संघियो को उन्ही की भाषा मे स्पष्ट जवाब देने वाले हाजिर जवाब नेता को ही जाएगा।

दिग्विजय सिंह ने 3 हजार किलोमीटर से ऊपर की नर्मदा पदयात्रा कर के पूरे मध्यप्रदेश के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में समन्वय स्थापित किया था। 15 वर्षों से चल रही सत्ता के सूखे को मिटाया था। 

नर्मदा परिक्रमा करके दिग्विजय और अन्य कार्यकर्ताओं ने सत्ता का सूखा मिटाया था 

आज पुनः उसी क्रम में भारत जोड़ो यात्रा से देश मे चल रहे सत्ता के सूखे को मिटाने और देश मे समन्वय स्थापित करने के लिए यत्न कर रहे है। इसलिए अगर शशि थरूर नहीं, तो मेरा वोट दिग्विजय को!!


लेखक :- निर्जीव मनुष्य

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