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ज़हरीली आईटी सेल की खुराफात, कर गई नेहरु की छवि पर आघात- Misinformation about Jawahar Lal Nehru

 इंटरनेट वाले नेहरू जी

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नेहरु जी से जुड़े वायरल दावों की पड़ताल 
“मैं हैरान तब रह गया जब पत्रकारिता में 20 साल के अनुभवी मित्र ने आत्मविश्वास के साथ बताया कि नेहरू की प्राथमिकता देश नहीं उनकी अय्याशी थी.”

बात 1957 की है जब देश में दूसरा लोकसभा चुनाव हुआ. पंडित अटल बिहारी (Atal Bihari Vajpayee) वाजपेयी बलरामपुर सीट (उत्तर प्रदेश) से सांसद बने थे. देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू (Pt. Jawaharlal Nehru) ने दिल्ली में एक ब्रिटिश नेता से अटल जी की मुलाकात कराई और कहा इनसे मिलिए, यह युवा एक दिन देश का प्रधानमंत्री बनेगा.

Nehru and Atal Bihari Vajpayee
 नेहरु जी ने की थी अटल बिहारी वाजपेयी की तारीफ़: Link Attached
इस घटना के बीस साल बाद 1977 में अटल बिहारी वाजपेयी(Atal Bihari Vajpayee) विदेश मंत्री बने. साउथ ब्लॉक में उनका दफ्तर था उन्होंने एक दिन गौर किया कि दीवार पर लगी नेहरू जी की तस्वीर गायब है. जाहिर है बदला हुआ निजाम देखकर अधिकारियों ने ही तस्वीर हटाई होगी. अटल जी ने अधिकारियों से पूछा तो सन्नाटा पसर गया. अगले दिन नेहरू जी की तस्वीर अपनी पुरानी जगह पर थी.
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अटल बिहारी वाजपेयी सदन में जाते हुए: Image source: The Indian Express
अब कांग्रेस युग से निकलकर देश की बागडोर बदले हुए निजाम के हाथ में है. इस युग में आप 1957 और 1977 वाली घटनाओं की कल्पना नहीं कर सकते हैं. इस बात में दो राय बिल्कुल नहीं है कि बीजेपी से जुड़ने वालों में बहुत बड़ी संख्या युवाओं की है जो उसकी रीति नीति से प्रभावित होती हैं. नेहरू और गांधी परिवार से जुड़ी गॉसिप सबसे ज्यादा इन्हीं वर्ग के बीच तैरती है. इस वर्ग का नेहरू से परिचय इंटरनेट और वाट्सएप से हुआ है.

नेहरू से जुड़ी आधारहीन और फ्रॉड बातें सबसे ज्यादा डिजिटल युग में हो रही हैं. सत्ता पोषित एक बड़ा वर्ग इसका समर्थन भले ही न करता हो लेकिन कहीं भी खंडन करता हुआ दिखाई नहीं देता है. मैं हैरान तब रह गया जब पत्रकारिता में 20 साल के अनुभवी मित्र ने आत्मविश्वास के साथ बताया कि नेहरू की प्राथमिकता देश नहीं उनकी अय्याशी थी. जाहिर है वह पत्रकार मित्र उन सारी वायरल तस्वीरों से प्रभावित थे जिसमें नेहरू को महिलाओं की बांहों में दिखाया गया है.
नेहरू की एक तस्वीर साल 1955 की है. जो इस दावे के साथ खूब वायरल की गई कि नेहरू गुलछर्रे उड़ने लंदन जाते थे. जबकि हकीकत यह है कि जवाहरलाल नेहरू के लंदन एयरपोर्ट पहुंचने पर उनकी भांजी ने उनका स्वागत किया था. भांजी का नाम नतनतारा सेहगल (Nayantara Sahgal) है.

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नेहरु जी की भांजी के साथ उनकी तस्वीर वायरल: दावा बेबुनियाद निकला 

इसी तरह एक अन्य तस्वीर भी आपत्तिजनक बातों के साथ वायरल की गई, जबकि उस तस्वीर में नेहरू अपनी बहन विजयलक्ष्मी पंडित (Vijaya Lakshmi Pandit) के साथ हैं.

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बेहद घटिया तरीकों से बहन के साथ तस्वीरें वायरल की गयीं 

दरअसल, आज की बीजेपी और संघ एक मनोवैज्ञानिक ऑपरेशन के सहारे देश को चलाना चाह रही है. उनके सबसे बड़े राजनीतिक दुश्मन आज भी गांधी, नेहरू और पटेल ही हैं. गांधी की आलोचना कर पाना बीजेपी और संघ के बस की बात नहीं है. इसलिए नेहरू को हमेशा सरदार पटेल का दुश्मन बता कर स्थापित करने की कोशिश दशकों से की जा रही हैं.

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