Breaking

6/recent/ticker-posts

देश पर क्यों पड़ी भुखमरी की मार, अबकी बार ......जवाब दो मोदी सरकार!

India's Score in Global Hunger Index- Modi Government has to answer

भूख से तड़प रहा है भारत!

वर्ष 2022 के लिए ग्लोबल हंगर इंडेक्स (Global Hunger Index) की रिपोर्ट जारी की गई है, जिसमें उसके पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan), श्रीलंका (Sri Lanka), नेपाल (Nepal) और बांग्लादेश (Bangladesh) भारत (India) से बेहतर स्थिति में हैं।

121 देशों की रैंकिंग को लेकर जारी इस रिपोर्ट में भारत 107वें स्थान पर है जबकि उसका पड़ोसी देश पाकिस्तान 99वें स्थान पर है.

इस सूची में दक्षिण एशिया में सर्वश्रेष्ठ स्थान पर देश श्रीलंका है। आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे श्रीलंका को इस सूचकांक में 64वां स्थान मिला है।

भारत का पड़ोसी देश नेपाल 81वें स्थान पर जबकि बांग्लादेश 84वें स्थान पर है।

केवल एक पड़ोसी देश अफगानिस्तान (Afghanistan) को छोड़कर भूख सूचकांक में सभी की स्थिति भारत से बेहतर है। इस सूची में अफगानिस्तान 109वें स्थान पर है।


क्या है Global Hunger Index?

ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर भूख को मापने और ट्रैक करने का एक व्यापक पैमाना है।

GHI स्कोर को आमतौर पर चार मसलों या मूल्यों पर मापा जाता है:


-कुपोषण (Malnutrition)

-गंभीर शिशु कुपोषण (Severe Infant Malnutrition)

-रुका हुआ विकास (Stalled Growth/Development)

-बाल मृत्यु दर (Child Mortality)

जीएचआई (Global Hunger Index) का कुल स्कोर 100 अंक है, जिसके आधार पर किसी देश की भूख की गंभीरता की स्थिति को दिखाया जाता है। यानी अगर किसी देश का स्कोर शून्य है तो वह अच्छी स्थिति में है और अगर किसी का स्कोर 100 है तो वह बहुत खराब स्थिति में है।

भारत का स्कोर 29.1 है जो बेहद गंभीर श्रेणी में आता है।

इसके अलावा कुल 17 शीर्ष देश हैं जिनका स्कोर 5 से कम है। इन देशों में चीन, तुर्की, कुवैत, बेलारूस, उरुग्वे और चिली जैसे देश शामिल हैं।

वहीं अगर मुस्लिम बहुल देशों की स्थिति की बात करें तो यूएई 18वें, उज्बेकिस्तान 21वें, कजाकिस्तान 24वें, ट्यूनीशिया 26वें, ईरान 29वें, सऊदी अरब 30वें स्थान पर है.

क्या है भारत की स्थिति?:

बच्चों में गंभीर कुपोषण की स्थिति पर नजर डालें तो जीएचआई (Global Hunger Index) को जिन चार पैमानों पर मापा जाता है उनमें से एक इस बार भारत में 19.3 फीसदी पाया गया है जबकि 2014 में यह 15.1 फीसदी था. इसका मतलब है कि भारत और भी पिछड़ा हुआ है. इस पैमाने में।

वहीं अगर कुल कुपोषण के पैमाने की बात करें तो वह भी काफी बढ़ गया है। यह पैमाना दर्शाता है कि देश की कुल आबादी भोजन की कितनी कमी का सामना कर रही है।

इंडेक्स के मुताबिक भारत में जहां 2018 से 2020 के बीच यह 14.6 फीसदी था, वहीं 2019 से 2021 के बीच बढ़कर 16.3 फीसदी हो गया है. 

सुखद खबर ये है कि बाल मृत्यु दर 4.6% से घटकर 3.3% हो गई है। हालांकि, जीएचआई के समग्र स्कोर में भारत की स्थिति खराब हो गई है। जहां 2014 में यह स्कोर 28.2 था, वहीं 2022 में 29.1 हो गया है।

इस रिपोर्ट में भारत समेत कुल 44 देश ऐसे हैं जिनकी स्थिति बेहद खतरनाक स्तर पर है.

इस रिपोर्ट के बाद घिरी मोदी सरकार 

(Narendra Modi government surrounded after this report):

इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद से विपक्ष के कुछ बड़े नेता और कुछ स्वतंत्र पत्रकारों ने मोदी सरकार पर निशाना साधा, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम (P. Chidambaram) ने ट्वीट करके प्रधानमंत्री को सम्बोधित करते हुए कहा कि 

"माननीय प्रधान मंत्री कब बच्चों में कुपोषण, भूख और स्टंटिंग और वेस्टिंग जैसे वास्तविक मुद्दों को संबोधित करेंगे? भारत में 22.4 करोड़ लोग कुपोषित माने जाते हैं, ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत का स्थान सबसे नीचे है - 121 देशों में से 107.  


प्रसिद्ध तमिल न्यूज़ चैनल "सन न्यूज़" (Sun News) के एडिटर इन चीफ एम. गुणशेखरन (M.Gunasekaran) ने कहा 

"ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 121 देशों में से 107 वें स्थान पर है, जिसमें युद्धग्रस्त अफगानिस्तान को छोड़कर दक्षिण एशिया के सभी देशों की तुलना में यह खराब है।"


इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और सोशल एक्टिविस्ट प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 

"ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 121 देशों में 107वें स्थान पर है। भारत भी श्रीलंका (64), नेपाल (81), बांग्लादेश (84), और पाकिस्तान (99) से नीचे है। अफगानिस्तान (109) दक्षिण एशिया का एकमात्र देश है जो सूचकांक में भारत से खराब प्रदर्शन करता है।

विश्वगुरु!"


रिपोर्ट: धर्मेश कुमार रानू 

(Dharmesh Kumar Ranu- The LampPost)


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ