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बारिश में भीगकर वायरल हुए राहुल, क्या हो गई भजपा की बत्ती गुल?

बारिश उसे भिगोती रही वो अपनी बात तब भी कहता रहा

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का बारिश में भीगते हुए का एक video और फोटो viral है आज

यह तस्वीर भविष्य में युवा Politician को राजनीति आखिर होती क्या है ? कैसे की जाती है ? ये समझाने के बेहद काम आएगीl

बारिश में भीगते हुए भी अपनी बात को कहते हुए भारत जोड़ो पद यात्रा(Bharat Jodo Yatra) में एक सभा का विडीओ और फ़ोटो राहुल गांधी का ये तो साफ़ साफ़ कहता हुआ दिखता है की हाँ मुझे आप जैसी राजनीति नही आती, हाँ मैं नही हूँ आप सा मंझा हुआ Politician.
हाँ मुझे बड़े नेता के तमाम प्रोटोकोल , बातें नही समझ आती । मुझे बस समझ आता है की देश के लोगों को जानना हो तो महात्मा गांधी की तरह सड़क पर, देश भर में पद यात्रा करो , आमजन से जुड़ो , भारत जोड़ो ।
लोगों से सहज होकर मिलो, कोई गले लगना चाहता है तो उसे प्रेम से गले लगाओ । कोई हाथ पकड़कर कुछ कदम साथ आना चाहता है तो उसे कहो हाँ आओ और चलो । ज़मीन पर बैठना हो तो बैठो भी क्या तो प्रॉब्लम है इसमें और राहुल गांधी बैठ जाते है ख़ुद भी ।
आप तमाम कमियाँ देखे उनमे और उनकी इस यात्रा में क्या फ़र्क़ पड़ेगा उन्हें ये उन्होंने इतनी तेज बारिश के आने पर भी अपनी सभा में भाषण देते हुए बता दिया देश को । और उन्हें प्यार करने वाले भी भीगते रहे पर उन्हें सुनते रहे।
बस मैं कहानी वाला इस नेता की सरलता पर लिखना चाहता हूँ । मैं कहानी वाला बोलना चाहता हूँ ऐसे ही सामान्य व्यवहार करते हुए क्यों नही हो जाते तमाम देश के जन प्रतिनिधि भी इस तरह ।
कितना और अच्छा हो जाएगा हमारा भारत ,क्यों है ना ।

Rahul Gandhi viral photos, videos Viral post
राहुल गांधी उनकी सरलता के कारण बाकियों से अलग हैं 

उनकी कमियाँ तो आप देखे , बात कीजिए उसमें क्या , विरोध कीजिए लोकतंत्र है हक़ है आपका एतराज का । पर जो भी अच्छा है , नेक है , देश के विपक्ष के लिए मददगार है उस पर बात करने में क्यों परहेज़ करे कलम साज होकर भी हम ।
ठप्पा क्यों लगाए किसी एक विचारधारा का , किसी एक सोच का , किसी एक दल का कोई भी …लोकतंत्र का भविष्य ही तब तक सुरक्षित है जब तक तमाम विचारधारा एक नदी के तट की तरह हो जिस पर तमाम प्यासे अपने अपने वक्त , सुविधा पर पानी पीने आते रहे बैख़ौफ़ होकर ।
जो भी अच्छा करे उसकी तारीफ़ कीजिए , उन्हें वोट दीजिए कोई ख़राबी नही । पर कोई कमी दिखे तो बोलिए भी , विरोध कीजिए , चुप न रहिए सोचकर अपना वाला है क्या करे ?
इसी अपना वाला सोच ने लोकतंत्र को आज इस हालत में पहुँचा दिया है | ये अपना वाला बीमारी बहुत पुरानी है देश में पर अब इसका इलाज किया जाना चाहिए Left, Right सोच में बंटे बिना |
याने किसी का भी गलत, गलत कहा जाना चाहिए तभी लोकतंत्र बचेगा, स्वस्थ रहेगा |
—कहानी वाला रिपोर्टर

-The LampPost

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