-जब जब चुनाव आते हैं ,मोदी जी को नेहरू क्यों याद आते हैं?
-गोदी मीडिया के टारगेट पर क्यों नेहरू ही नज़र आते हैं?
-व्हाट्सएप्प यूनिवर्सिटी के ज्ञान का आज होगा भांडा फोड़!-
दोस्तों जबसे मोदी जी (Narendra Modi) सत्ता में आये हैं, हर बात पर नेहरू (Jawaharlal Nehru) को कोसने का ट्रेंड इस कदर बढ़ा है कि जैसे आज देश के प्रधानमंत्री मोदी जी नहीं बल्कि पंडित जवाहर लाल नेहरू हों, कमाल की बात है न ? अब सवाल ये है कि पिछले सत्तर सालों में अगर कुछ नहीं हुआ तो आज जिन सरकारी कंपनियों को बेंचा जा रहा है या यूं कहें कि मॉनिटीज़ (Monetization of Public sector companies in India) किया जा रहा है, वो आखिर बनवाई किसने थी?
तो भैया! अर्ज़ किया है -----रेल बेच दो, भेल बेच दो, तेल बेच दो
जो सवाल पूछे उसे जेल भेज दो!!
अरे भैया अगर सवाल पूछना गुनाह है तो हाँ मैं गुनाहगार हूँ, इसलिए आज हम बात करेंगे देश के सबसे बड़े गुनाहगार स्व. पंडित जवाहर लाल नेहरु जी की!
तो आइये अब जानते हैं कि "नेहरू की गलती" क्या थी
भारत का वो संविधान जो आपको चुनाव लड़ने और जीतने का अधिकार देता है, और हर एक विचारधारा के व्यक्ति को अपना नेता चुनने का अधिकार देता है, उस संविधान के बनने की प्रक्रिया में नेहरू ने हर विचारधारा के लोगों को शामिल किया, चाहे वो कांग्रेस (Congress) के सदस्य रहे हों या नहीं। उनमें से एक थे श्यामा प्रसाद मुखर्जी (Shyama Prasad Mukherjee) जोकि नेहरू को कोसने वालों के पितामह यानि की दादा जी कहे जा सकते हैं।
जब देश आजाद हुआ, नेहरू प्रधानमंत्री बने तो उनके कार्यकाल में ही इलेक्शन कमीशन का गठन हुआ, जिसने हर पार्टी और हर विचाराधारा के लोगों को चुनाव लड़ने का अवसर दिया। अगर वे चाहते तो इस ऑथोरोटेरियन बना कर चुनाव के अधिकारों को अपने पाले में कर लेते। पर नेहरु ने ऐसा ना करके सच्ची डेमोक्रेसी को बढ़ावा देने की गलती की! ये है नेहरु की गलती!
इतना ही नहीं दोस्तों जब नेहरू जी देश के पहले प्रधानमंत्री बने तब उन्होंने अपनी विचारधारा के विपरीत जाकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी को अपनी मंत्रीमंडल में शामिल किया। क्या आज कोई भी राजनैतिक दल नेहरु की इस गलती को दोहराने के लिए तैयार है? आज बिना विधयाक-मंत्री खरीदे ये नेहरु विरोधी लोग किसी विपरीत विचारधारा के व्यक्ति को शामिल नहीं कर पाते।
जो पूछते हैं नेहरू ने देश के लिए क्या किया? वो कान खोल कर सुन लें, एक-एक चीज़ गिना रहा हूं गिनते जाइए ---
नेहरू ने देश के प्रतिभाशाली युवाओं की वर्ल्ड क्लास शिक्षा के लिए 1950 में IIT बनवाई, नेहरू ने ही देश के युवाओं में मैनेजमेंट की विश्वस्तरीय समझ विकसित करने के लिए 1961 में IIM, और रचनात्मक युवाओं की बेहतर शिक्षा के लिए डिजाइनिंग NID बनवाई।
इसके अलावा 1954 में देश की सेना को सशक्त करने के लिए नेशनल डिफेंस एकेडमी की शुरुआत हुई, देश में उद्योग जगत को बढ़ावा देने के लिए 1955 भिलाई स्टील प्लांट की शुरुआत हुई, भारत के हर नागरिक को विश्वस्तरीय चिकित्सा उपलब्ध करवाने के लिए 1956 में एम्स की स्थापना हुई, ऑइल, नेचुरल गैस और पेट्रोलियम के क्षेत्र की सबसे बड़ी सरकारी कम्पनी ONGC की स्थापना 1956 में हुई, ये वही ongc है जिसको Privatize करने के भरसक प्रयास पिछले कुछ सालों में हुए हैं। खैर इसी साल यानी 1956 में देश का पहला एटोमिक रिएक्टर अप्सरा वजूद में आया। 1958 में डिफेंस सेक्टर की बड़ी संस्था DRDO को स्थापित किया गया DRDO देश का प्रमुख डिफेंस सेक्टर का रिसर्च और डेवलपमेंट संगठन है, ये भारतीय सेना की मज़बूती का एक बहुत आधारभूत संगठन है।
क्यों भगत मण्डली ? जानना है कि और भी क्या क्या किया नेहरू ने ? तो सुनो ----
1963 में भाखड़ा नांगल डैम (Bhakra Nangal Dam) बनाया गया ये डैम आज भी 2.3 लाख हैक्टेयर कृषि भूमि को सींचता है। और साल 1963 में ही भारत ने अपना पहला रॉकेट लॉन्च किया। यानी कि शिक्षा हो या स्वास्थ्य, सेना के जवान हो या धरती पुत्र किसान, व्यापार हो या रोजगार कोई भी ऐसा क्षेत्र बाकी नहीं रहा जिस क्षेत्र में नेहरू जी ने और उनकी सरकार ने कोई दूरगामी काम ना किया हो।
जवाहरलाल नेहरू जी की दूरदर्शी सोंच और समझ का नतीजा रहा कि उनके दौर में जो पंचवर्षीय योजनाएं (Five Year Plans in India) बनाईं गईं उनसे देश को आज भी लाभ मिल रहा है। पहली पंचवर्षीय योजना 1951-56 तक लागू हुई। इस योजना के दौरान विकास दर 3.6 फीसदी दर्ज की गई। और भी बहुत कुछ किया नेहरू जी ने जिनको इस एक वीडियो में समझा पाना मुश्किल है। इसीलिए बस इतना समझिये कि नेहरू जी ने अपने 17 साल में इतना कुछ किया जिसको सत्तर सालों से सहेजा जा रहा है, और आजकल उन्हीं कामों को बेंचा जा रहा है
पर फिर भी क्वेश्चन रिमेंस दी सेम! नेहरू ने क्या किया?
लेखक: धर्मेश कुमार रानू
(Dharmesh Kumar Ranu- The Lamppost)
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