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आदिपुरुष के लेखक मनोज मुंतशिर ने अपने बचाव में दिया वाहियात जवाब, खुन्नस में नज़र आए मुंताशिर

 

Manoj Muntashir over the Adipurush Controversial dialogues
अपने बयानों के कारण भी Manoj Muntashir आजकल विवादो का केंद्र बने हैं

ओम राउत (Om Raut) के निर्देश में बनी, प्रभास (Prabhas), सैफ अली खान (Saif Ali Khan)और कृति सैनन (Kriti Sanon) स्टारर फिल्म आदिपुरुष (Adipurush) लगातार चर्चा में है, दरहसल इसके टीजर लॉन्च के वक्त भी इस फिल्म पर विवाद खड़ा हो गया था। जब इसके किरदारों की वेशभूषा और और उनके लुक्स को लेकर सवाल उठाए गए तब इसकी रिलीज़ टाल दी गई थी। कहा गया कि फिल्म के निर्माता कुछ आवश्यक बदलाव कर रहे हैं पर रिलीज़ के बाद से एक बार फिर ये फ़िल्म विवादों में है। इस बार विवाद का कारण बने हैं इस फिल्म के डायलॉग्स जिन्हें मनोज मुंतशिर (Manoj Muntashir) ने लिखा है।

खासतौर पर इस मूवी का एक डायलॉग (Adipurush movie dialogues)  फिलहाल चर्चा का विषय बना हुआ है, जो हनुमान जी का लंका दहन के दौरान का है। जिसमें वह कहते हैं, 'कपड़ा तेरे बाप का, आद तेरे बाप की, तेल तेरे बाप का, जलेगी भी तेरी बाप की।' अब खुद मनोज मुंतशिर (Manoj Muntashir) ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक इंटरव्यू में ऐसे संवाद लिखने के पीछे अपना पक्ष रखा है।

मनोज मुंतशिर ने (Manoj Muntashir) कहा है कि, 'बजरंगबली के डायलॉग को लिखने में बहुत सावधानी से विचार किया गया है। एक चैनल को दिए एक इंटरव्यू में, जब मनोज मुंतशिर से पूछा गया कि क्या यह उनकी ओर से ये गलती थी कि उन्होंने आदिपुरुष में हनुमान के डायलॉग्स को बहुत सरल बना दिया या ऐसा इसलिए किया गया ताकि एक बड़ा दर्शक वर्ग जुड़ सके, तो मनोज ने कहा, 'यह एक नहीं है गलती। हमने इसे सरल इसलिए बनाया है।

जब उन्हें 'लंका दहन' सीक्वेंस के दौरान हनुमान के डायलॉग के बारे में और पूछा गया, तो मुंतशिर ने कहा, 'हम सभी रामायण को कैसे जानते हैं? हमारे यहां कहानी सुनाने की परंपरा है, हम पढ़ते भी हैं लेकिन कहानियां भी सुनते हैं। रामायण एक ऐसा ग्रन्थ है जिसे हम बचपन से सुनते आए हैं, अखंड रामायण है, पाठ है और भी बहुत कुछ है। मैं एक छोटे से गांव से आता हूं, जहाँ हमारी दादी-नानी हमें इसी भाषा में रामायण की कहानियां सुनाया करती थीं। एक बात और, आपने अभी जिस डायलॉग का जिक्र किया है, उसे हमारे देश के बड़े-से-बड़े संतों, कथाकारों ने उसी प्रकार प्रयोग किया है, जैसे मैंने (Adipurush में) लिखा है। मैं यह डायलॉग लिखने वाला पहला व्यक्ति नहीं हूं, यह पहले से ही है।'

मनोज मुंतशिर ने ही एक दूसरे न्यूज़ चैनल से भी बातचीत में बताया कि उन्होंने रामायण (Ramayan) नहीं बनाई है। फिल्म उससे प्रेरित है। वह कहते हैं, 'साढ़े 7 हजार साल पहले रामायण (Ramayan) को लिखा गया था। लेकिन 400 साल पहले तुलसीदास (Tulsi Das) ने इसे अवधि भाषा में क्यों लिखी? क्योंकि हर किसी का कहने का अपना तरीका होता है। रामायण(Ramayan) सुनाने के साथ भी वैसा ही है। लोगों तक इसे पहुंचाने के लिए, इसे समसामायिक भाषा में बात करने की कोशिश है। अगर युवा पीढ़ी को ये भाषा नहीं समझ आती है तो वो सम्मान करेगा लेकिन कनेक्ट नहीं कर पाएगा। इसलिए ये डायलॉग्स ऐसे लिखे गए हैं। जैसे आजकल के युवा बात करते हैं।


-Team The LampPost




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